जीवन, यह वह अनमोल उपहार है जो हमें ईश्वर ने दिया है। यह एक ऐसा रहस्यमय सफर है जिसमें हर कदम पर नई राहें, नए संवाद और नए अनुभव होते हैं। “जीवन है अनमोल” इस सफर को साझा करने का एक बेहद शानदार तरीका है ये कविता। इस पोस्ट में हम जीवन के इस अनमोल सफर को कविताओं के माध्यम से व्यक्त करेंगे। चलिए, साथ में इस खास रोमांचक कविता के साथ चलें और जीवन के सुंदरता को नए आयामों में अनुभव करें।
जीवन है अनमोल, जीवन है अनमोल
इस जीवन मे तू नफरत का, जहर न प्यारे घोल
जो आया है इस दुनिया में, उसे पड़ेगा जाना
फिर कैसी ये शान-शौकत, फिर कैसा इतराना
ये दुनिया है मिटने वाली, ये दुनिया फ़ानी है
चार दिनों की इस दुनिया में, सभी की मेहमानी है
इन साँसों का हों जाएगा, एक दिन डब्बा गोल
जीवन है अनमोल, जीवन है अनमोल
नफरत करने वाला जहां में, रहता है शर्मिंदा
जिसने सब पर प्यार लुटाया, रहा वो मर के भी जिंदा
जो मतलब जीने का न समझा, सबसे दुश्मनी ठानी
वो मरने के बाद पियेंगा, कड़वे नदी का पानी
निकल कर तू अपने लबों पर, सजा के मीठे बोल
जीवन है अनमोल, जीवन है अनमोल
जैसी करनी वैसी भरनी, बड़ों का है ये कहना
तू खुद ही ये फैसला कर ले , तुझे है कैसे रहना
तू लूटेगा चैन तो, अपना चैन भी खोना होगा
तू औरों को दुख देगा तो, तुझे भी रोना होगा
कुदरत के कानून में प्यारे, नहीं है कोई झोल
जीवन है अनमोल, जीवन है अनमोल
सोना-चांदी, हीरे-मोती, सब कुछ छोड़ना होगा
सब प्यारे चीजों से तुझको, रिश्ता तोड़ना होगा
धन, दौलत, जागीर नहीं कुछ, साथ में जाने वाली
दुनिया जीतने वाला सिकंदर, गया यहाँ से खाली
मौत खड़ी है तेरे सर पर, अब तो आंखे खोल
इस जीवन मे तू नफरत का, जहर न प्यारे घोल
जीवन है अनमोल, जीवन है अनमोल
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- Shabeena Adeeb