✦ एक इंसान गुस्से में अपना मुंह खोल लेता है और आंखें बंद कर लेता है.
✦ इंसान को इंसान से दूर करने वाली पहली चीज जुबान है, इसलिए गुस्से में अपने जुबान को संभाले.
✦ गुस्सा एकता का पागलपन है गुस्सा बेवकूफ ऊपर दिनों में बसता है.
✦ गुस्सा एक ऐसी हवा है जो वृद्धि कीजिए को भुला देती है.
✦ कोई भी गुस्सा हो सकता है, ये करना आसान है लेकिन सही इंसान से, सही लिमिट में, सही टाइम पे और सही रीजन के साथ सही तरीके से गुस्सा होना सबके बस की बात नहीं है और यह आसान भी नहीं है.
✦ गुस्से को पाले रखना एक गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नियत से पकड़े रहना जैसा है इससे आपका ही हाथ जलता है.
✦ गुस्सा पर अगर काबू न किया जाए तो जीस चीज के कारण आया हो उससे कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
✦ माचिस की तीली किसी दूसरी चीज को जलाने से पहले खुद को जलाती है इसी तरह गुस्सा पहले अपने आप को बर्बाद करता है फिर दूसरे को.
✦ गुस्सा आने पर चिल्लाने के लिए ताकत चाहिए लेकिन गुस्सा आने पर चुप रहने के लिए और ताकत चाहिए।
✦ गुस्से में बोला गया एक बुरा शब्द इतना जहरीला बन जाता है कि आपकी जिंदगी की हजार प्यारी बातों को बस 1 मिनट में खत्म कर सकता है.
✦ गुस्सा बहुत चालाक चीज है हमेशा कमजोर लोगों पर ही आता है.
✦ अगर आप सही हैं तो आपको गुस्सा होने की जरूरत नहीं और अगर आप गलत है तो आपको गुस्सा होने का कोई हक नहीं है.
✦ मुझे एक ऐसी सिचुएशन है जिसमें जीव दिमाग से ज्यादा तेज चलती है.
✦ जैसे उबलते हुए पानी में परछाई नहीं दिखती है ऐसे ही गुस्से में कोई इंसान सच नहीं देख सकता।
✦ दो कौड़ी की बात पर 2 करोड का गुस्सा करना फायदे का सौदा नहीं है.
✦ जो व्यक्ति बदले की भावना रखता है दरअसल वो अपने ही घाव को हरा रखता है.
आओ छोड़ दे अपना गुस्सा, हो जाएंगे हम आबाद
गुस्से से गिरे नीचे, हो गए वो सब बर्बाद,
भावना का कारगर है, लड़ो ना जिससे तुमको प्यार है
गुस्सा ना पूछता पानी, मिलती नहीं पनाह,
किसी का भला ना होता इससे, ऐसा है ये गुनाह
जिसकी सजा भुगते हैं सब, गुस्सा छोड़ दो प्यारे अब,
जब तुम सोचोगे दिल से फिर, मिल जाएगा रब…