जीवन में कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है (Moral Stories in Hindi)

हर इंसान की जिंदगी में सफलता हासिल करना हमेशा एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होता हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सफलता हासिल करने के लिए हमें कुछ खोना भी पड़ता है? जीवन की इस यात्रा में, हमें अक्सर विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और कुछ महत्वपूर्ण चीजों को त्यागना पड़ता है ताकि हम आगे बढ़ सकें। यह कहानी हमें बताती है कि जीवन में कुछ पाने के लिए क्या-क्या खोना पड़ता है।

दो पडोसी राज्य के राजा जो आपस में बहुत घनिष्ठ मित्र थे। एक बार एक राजा के यहां पुत्र का जन्म हुआ। खुशी का दिन था और खुशी इतनी ज्यादा थी कि राजा ने अपने घनिष्ठ मित्र दूसरे राजा को अपनें यहां आने का आमंत्रण दिया।दूसरा राजा अपने मित्र के दरबार में गया वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। राजा ने अपने पुत्र होने की खुशी मे मित्र राजा को एक उपहार दिया. यह उपहार बड़ा खास था। उपहार के रूप में मित्र राजा को बाज के दो बच्चे दिये। बाज के बच्चों को देखकर राजा बहुत खुश हुआ। बच्चे छोटे थे लेकिन उनकी नस्ल बहुत बढ़िया थी। राजा को अपने मित्र द्वारा दिया उपहार बड़ा अच्छा लगा।

राजा अपने राज्य में आ गये। आकर अपने राज्य में सबसे अच्छे प्रशिक्षक को बुलाया जो बाज को अच्छी कलाबाजियां और अच्छे कर्तव्य सिखा सके। प्रशिक्षक बाज के बच्चों को अपने साथ ले गया। प्रशिक्षक ने बाज के बच्चों के ऊपर दो महीने बहुत मेहनत की। दो महीने में बच्चे बड़े हो चुके थे। एक दिन राजा ने सोचा, क्यों ना आज प्रशिक्षक के पास जाकर देखा जाए कि बाज के बच्चे कैसे हैं, उन्हें क्या सिखाया है। राजा प्रशिक्षक के पास गया। तो देखा कि एक बाज तो ऊपर आसमान मे अच्छी उड़ान भर रहा है। अच्छी कलाबाजियां दिखा रहा है लेकिन दूसरा बाज थोड़ा उड़ने के बाद एक पेड़ की शाखा पर आकर बैठ जाता। बाज को फिर उड़ाया जाता। थोड़ी देर के लिए उड़ता और फिर से नीचे आ जाता। राजा को बड़ा अजीब लगा।

राजा ने कहा कैसे भी करके इस दूसरे बाज को भी उस बाज की तरह ही उड़ना सिखाया जाए जो बहुत ऊपर उड़ान भरते हुए कलाबाजियां दिखाता है। प्रशिक्षक को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। प्रशिक्षक का एक मित्र था जो किसान था। प्रशिक्षक ने अपने मित्र से अपनी समस्या बताई कि दो बाज हैं जिनमें एक तो काफी अच्छी उड़ान भरता है लेकिन दूसरा कुछ देर उड़ने के बाद पेड़ की शाखा पर आकर बैठ जाता है। किसान ने देखा कि बाज हर बार पेड़ की एक ही शाखा पर आकर बैठता है, तो किसान ने उस शाखा को ही काट दिया जिस पर बाज हर बार आकर बैठ जाता था। शाखा को काटने के बाद बाज को अपने बैठने की जगह नहीं मिली जिस पर बैठने का वो आदी हो चुका था और अपने साथी बाज के साथ उड़ने लगा। उसने देखा कि दोनों बाज आसमान में एक जैसी उड़ान भर रहे हैं।

ऐसी ही कोई शाखा हमारे और आपके जीवन में भी हो सकती है जिसे हम अपना कंफर्ट जोन कहते हैं देखा जाए तो ये हमारे लिए नुकसानदायक साबित होता है। हम इसमें रहते हुए कुछ अलग करने के बारे में सोच नहीं पाते हैं जिससे हमारा कंफर्ट जोन ही हमें सफल होने से रोकता है। आपके के पास आराम करने लिए जितने भी संसाधन होंगे आप कुछ अलग करने के बारे में उतना ही कम सोचेंगे इसलिए ध्यान रखें कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है| ऐशो आराम छोड़े बिना सफलता हासिल नहीं होती।

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