■ बिना हाथ, गैर का इंसान बेहतर लेकिन बिना विचारों का इंसान पत्थर है या फिर पशु है।
■ प्रेम के दो शब्द बहुत बड़े और भारी नहीं होते, लेकिन काम इनसे बहुत बड़ा होता है।
■ सिर्फ दो तरह के लोग होते हैं। एक होते हैं भले लोग, जो खुद को पापी समझते हैं। और दूसरे होते है पापी, जो खुद को भला समझते हैं।
■ अगर आप चाहते हैं कि लोग आपके बारे में अच्छे विचार रखें तो आप अपने बारे में अच्छा मत बोलिए।
■ समय दुख को मिटा देता है, दर्द को कम कर देता है। समय के साथ हम भी वो नहीं रहते जो पहले थे। हम न ही अपराधी रह जाते हैं और न ही पीड़ित और न ही इसके अलावा कुछ और।
■ संकीर्ण विचारों वाले को बड़ी चीजों की चिंता ज्यादा होती है, जबकि बड़ी सोच वाले छोटे और साधारण चीजों की फिक्र ज्यादा करते हैं। वो हर चीज का असाधारण रूप देखते हैं।
■ अक्सर छोटे मामलों के प्रति इंसान संवेदनशील होता है, बड़े मामलों के प्रति उदासीन. बड़े यह बड़ी अजीब उलट स्थिति होती है।
■ इंसान धर्म की निंदा करता है उससे नफरत करता है, क्योंकि उसे डर होता है कि कहीं धर्म की बात सच तो नहीं।
■ न्याय और शक्ति को साथ लाया जाना चाहिए, ताकि जो भी न्याय हो वो शक्तिशाली हो और जो शक्तिशाली हो उसके हाथ में न्याय की बागडोर हो।
■ लोग हमेशा उस चीज की सबसे ज्यादा प्रशंसा करते हैं जो उन्हें समझ में नहीं आती।
■ बिना शक्ति के न्याय बेकार है और बिना न्याय के ताकत अत्याचार बन जाती हैं।