✦ चालीस साल की अवस्था में “उच्च शिक्षित” और “अल्प शिक्षित” एक जैसे ही होते हैं.
✦ पचास साल की अवस्था में ‘रूप’ और “कुरूप ” एक जैसे ही होते हैं. (आप कितने ही सुंदर क्यों न हों झुर्रियां, आंखों के नीचे के डार्क छुपाये नहीं छुपते)
✦ साठ साल की अवस्था में “उच्च पद” और “निम्न पद” एक जैसे ही होते हैं. (चपरासी भी अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है)
✦ सत्तर साल की अवस्था में “बड़ा घर” और छोटा घर” एक जैसे ही होते हैं. ( घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं)
✦ अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का “होना” या “ना होना ” एक जैसे ही होते हैं. (अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहां खर्च करना है)
✦ नब्बे साल की अवस्था में “सोना”. और “जागना” एक जैसे ही होते हैं. ( जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है.)
जीवन को सामान्य रूप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं है जिन्हें आप सुलझाते फिरें. आगे चल कर एक दिन हम सबकी यही स्थिति होनी है इसलिए चिंता, टेंशन छोड़ कर मस्त रहें स्वस्थ रहें. यही जीवन है और इसकी सच्चाई भी.