यहाँ आप जानेंगे कि क्या कारण हो सकता है कि आप थक जाते हैं, जैसे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक। हम उन तकनीकों को साझा करेंगे जिनसे आप अपनी थकान को कम कर सकते हैं और अपने जीवन की ऊर्जा को फिर से प्राप्त कर सकते हैं।
थकन या थकान क्या है?
थकन या थकान की मौजूदगी का आपको तब अहसास होता है :
- जब आपको लगता है किसी से बिना बात किए चुपचाप लेटे रहा जाए.
- जब आपको लगता है कि हाथ में लिए काम को आगे बढ़ाना नामुमकिन है.
- जब आपको लगने लगे कि शरीर को रीलैक्स के लिए लम्बी छुट्टी की जरूरत है.
मानसिक थकान उस समय होती है जब आप निरंतर ऐसी गतिविधि में लगे हों जिसमें तनाव व भावनाओं का स्तर अधिक होता है. यह उन लोगों में विशेष रूप से पायी जाती है जो लम्बे समय तक ‘टाइट डेड लाइन्स’ पर काम करते हैं और उन कार्यों में लगे रहते हैं जिनमें निरंतर ध्यान व प्रयास की आवश्यकता होती है.
मानसिक थकान का नतीजा यह होता है कि हम अन्य गलतियां करने लगते हैं. भले वह काम सही ढंग से कर रहे हों जिसमें कंसनट्रेट करते हैं. थकान से फैसला लेने की क्षमता प्रभावित होती है. आपकी परफोरमेंस बहुत कम हो जाती है. थकान से बचने का तरीका यह है कि सीमा निर्धारित की जाये और उस पर कायम रहा जाये. अगर आप जानते हैं कि कार्य की मानसिक शारीरिक सीमा आठ घंटे की है और उसमें म्युजिक, वॉक, रीडिंग और प्राणायम भी शामिल है तो हम थकान का कम अनुभव करते हैं. अधिकतर दफ्तरों में पृष्ठभूमि में सोफ्ट म्युजिक बजता रहता है और उनमें जिम व कैफेटेरिया भी होता है. इस सबसे थकान व तनाव दूर करने में मदद मिलती है.
थकान से बचने के ये निश्चित उपचार है:
- सप्ताह में एक बार आराम जरूर करें.
- मसाज करायें और तेज वाकिंग पर जायें ताकि ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाये.
- हल्का खायें और तेज वाकिंग पर जायें ताकि ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाये.
- फोन काल्स से बचें.
- आपके वर्क स्पेस के पास जैसमिन, देसी गुलाब और चम्पा का गुलदस्ता रखें.
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